मुस्लिम समाज के बजट पर चली कैंची,160 करोड़ में से मात्र 10 करोड़ रुपए आवंटित

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट अल्पसंख्यकों के लिए मायूसी लेकर आया। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष अल्पसंख्यक मंत्रालय के बजट में लगभग 1923 करोड़ रुपए की कटौती हुईं हैं। वर्ष 2023-2024 के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय के खाते में 3097 करोड़ रुपए आए हैं। इससे पहले केन्द्र सरकार ने अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली कई स्कॉलरशिप को बंद कर दिया था जिसके बाद यह उम्मीद लगाईं जा रही थी कि इस बजट में सरकार अल्पसंख्यक छात्रों के लिए कुछ नए स्कीम की घोषणा करेगी। लोगों ने सरकार पर बजट में अल्पसंख्यकों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।

बजट में अल्पसंख्यकों के शिक्षा सशक्तिकरण में भी भारी कटौती हुईं हैं। इस वर्ष अल्पसंख्यकों की शिक्षा सशक्तिकरण के लिए मात्र 1,689 करोड़ रुपए आवंटित हुए हैं। वर्ष 2022 में इसके लिए 2,515 करोड़ रुपए आवंटित हुए थे। इस वर्ष शिक्षा सशक्तिकरण के बजट में में लगभग 826 करोड़ रुपए की कटौती हुईं हैं। वहीं वर्ष 2021 में अल्पसंख्यकों के शिक्षा सशक्तिकरण के लिए 2,249 करोड़ रुपए मिले थे।

मदरसों की एजूकेशन स्कीम के बजट पर भी सरकार ने जबरदस्त कैंची चलाईं हैं। मदरसों को इस वर्ष मात्र 10 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। जबकि पिछले वर्ष मदरसा में एजूकेशन स्कीम के लिए बजट 160 करोड़ रुपए था। इस वर्ष सरकार ने 150 करोड़ रुपए की कटौती कर ली है , अल्पसंख्यकों के विकास के लिए अंब्रेला कार्यक्रम के लिए इस वर्ष 610 करोड़ रुपए बजट दिया गया है। पिछले वर्ष इसके लिए 1,810 करोड़ रुपए बजट दिया गया था। इस वर्ष लगभग 1200 करोड़ रुपए की कटौती की गई।