जिले में पुलिस अपराधियों के बदले पत्रकारों की शुरू की पिटाई, कब तक चलेगी पत्रकारों पे पुलिस की गुंडा गर्दी

जिले में पुलिस अपराधियों के बदले पत्रकारों की शुरू की पिटाई, कब तक चलेगी पत्रकारों पे पुलिस की गुंडा गर्दी।
मुजफ्फर आलम
सीतामढ़ी
जिस जिले को मां सीता की धरती कहा जाता है उसी धरती पे पुलिस की गुंडा गर्दी अपने शबाब पे, अपनी नाकामी छुपाने के लिए अपराधियों की जगह निहत्थे पत्रकारों पे जुल्म क्यों? आखिर क्या साबित करना चाहती है सोनवरसा प्रशासन, क्या वजह है जो जिला के साहब खामोश है,तो जानते है पुरा मामला क्या है।
इसी सीतामढ़ी के कुछ दुसरे पुलिस कर्मियों ने ही डुमरा थाने के लॉकअप में कर दी थी ,दो आरोपितों की पीट पीट
कर हत्याा, जानता है पूरा बिहार
दिनांक 12,07,021 को सोनबरसा थाना क्षेत्र के फकीर चंद महतो के हत्या से संबंधित सोनबरसा थाना कांड संख्या 66 /21 में ए एसपी पुपरी एवं सोनबरसा थानेदार पहुंचे थे मृतक फकीर चंद्र महतो के घर, तब मृतक की पत्नी एवं बेटी मनीषा कुमारी को पुलिस के पहले से ही संदेह पूर्ण रवैया पर शक था, बुलाया सीतामढ़ी के आवाज के पत्रकार यदुवंश पंजियार को, ज्ञात हो कि फकीरचंद महतो हत्याकांड में ,एक मासुम बेटी पिछले कई महीनों से सीतामढ़ी एसपी ऑफिस डीएसपी ऑफिस एवं सोनबरसा थाने का चक्कर लगा लगा कर अपने पिता की हत्या के इंसाफ मांगते मांगते थक चुकी है ,मनीषा के लगातार आवेदन पर ,जब ए एसपी पुपरी फकीर चंद महतो के गांव में सुपर विज़न कर रहे थे ,तब इस नियत से कि सुपर विज़न सही से हो पत्रकार यदुवंश पंजियार पूरे सुपर विजन का वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहे थे तभी उनसे वहां मौजूद पुलिस अधिकारी वीडियो रिकॉर्डिंग बंद करने को कहते हैं जिस पर यदुवंश पंजियार यह कहते हैं यह मेरा अधिकार है मैं अपना काम करूंगा ,इसी पर यदुवंश पंजियार को पहले तो लात घूंसों से बेरहमी से सभी पदाधिकारी एवं साथ में आए पुलिस गार्ड लोगों ने की पिटाई ,फिर उठा कर पुलिस जीप में फेंका और थाने में ले जाकर बन्द किया, और फिर आज दिनांक 13 साथ 2021 को यदुवंश पंजियार पर पुलिस के साथ मारपीट धक्का-मुक्की कॉलर पकड़ने की बात एवं सुपर विज़न में बाधा डालने की बात करते हुए एफ आई आर दर्ज कर घायल पत्रकार को बिना मेडिकल कराएं जेल भेज दिया,गया, अगर सीतामढ़ी पुलिस इसी तरह पत्रकारों को जुर्म एवं अन्याय व पुलिस की मनमानी के खिलाफ लिखने एवं रिपोर्टिंग करने पर पिटती एवं जेल भेजती रहेगी, तो जान लीजिए एसपी चाहे दर्जनों बदल दीजिए आपके जिला में जिस दिन पत्रकार खामोश हो जाएगा, उस दिन आप सभी की जिंदगी भगवान भरोसे हो जाएगी, सौ में नब्बे प्रतिशत पत्रकार खुद भूखे रहकर आपके भूख की रिपोर्टिंग करते हैं, हम सभी पत्रकार खुद हमेशा पुलिस से पीड़ित होकर पुलिस द्वारा आप को पीड़ित किए जाने की रिपोर्टिंग करते हैं, अब पत्रकार कहां जाएंगे किस से मदद मांगेंगे ,हालाकि सीतामढ़ी के सभी जनप्रतिनिधियों को इस घटना के बारे में खबर है, फिर भी उनकी खामोशी क्यों है? हकीकत क्या है आप सभी ,सोनबरसा प्रखंड के भूतही के उस गांव में जाकर खुद से पता कर ले कि गलती उन पुलिस वालों की है या निहत्थे बेकसूर पत्रकार यदुवंश पंजियार की अगर यदुवंश पंजियार की गलती साबित होगी तो हम लोग उसका साथ छोड़ देंगे वरना आप लोग न्याय का साथ दें,क़ानून में सब बराबर है।
11/7 को news 24 के तुलसी नाम के पत्रकार के साथ भी अभद्र व्यवहार किया नगर थाने वालों
हालांकि इस घटना के संबंध में सीनियर पत्रकारों ने सीतामढ़ी एसपी साहब एवं तिरहूत रेंज के IG गणेश कुमार जी से बात कर यदुवंश पंजियार को छुड़ाने का प्रयास किया ,लेकिन असफलता ही हाँथ लगी
सीतामढ़ी जिले के सभी सम्मानित जनप्रतिनिधियों के साथ जिला प्रशासन से भी मांग है जिस तरह इस निहत्थे पत्रकार को जेल के सलाखों में कैद किया ठीक उसी तरह आप शराब माफिया को कब जेल के सलाखों में डालेंगे, जमीन माफिया, अपहरण माफिया,मासुम बच्ची के तस्करों को घूसखोर पदाधिकारी को कब डालेंगे जेल के सलाखों में